ए.आई. आधारित मृदा विश्लेषण उपकरण से छत्तीसगढ़ का नाम रोशन।

रायपुर/लोरमी- छत्तीसगढ़ की डॉ. श्वेता झील जायसवाल ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। उन्हें उनके अभिनव आविष्कार “पोर्टेबल ए.आई. संचालित मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण एवं अनुशंसा उपकरण” के लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से पेटेंट प्राप्त हुआ है।
यह स्मार्ट यंत्र मिट्टी की नमी, तापमान, पीएच मान और पोषक तत्वों (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) का तुरंत विश्लेषण कर किसानों को सटीक रिपोर्ट देता है — जिससे स्मार्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना में कृषि अधिकारी अभय पाल ने सहयोग किया। डॉ. श्वेता पिछले दो दशकों से शोध और शिक्षा में सक्रिय हैं तथा उन्हें पहले भी ‘द प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड (IIT भिलाई)’ से सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने पति झील जायसवाल, जनगणना अधिकारी (कलेक्टर कार्यालय बिलासपुर) को दिया है।
डॉ. श्वेता का यह आविष्कार भारतीय कृषि में तकनीकी क्रांति का नया अध्याय खोलने जा रहा है।

 
					 
					 
						


