श्री कृष्णा गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान मुंगेली में आयोजित किया गया निःशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर…

मुंगेली- 01 जून 2025
जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र पर
स्वर्ण प्राशन से बच्चों को बनाएं
स्वस्थ, बलशाली और बुद्धिशाली
बच्चों में किए जाने वाले मुख्य 16 संस्कारों में स्वर्ण प्राशन स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण संस्कार है। आधुनिक वैद्यकीय प्रणाली में जिस प्रकार बच्चों को रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने और बच्चों को सामान्य रोगों से बचाव के लिए भिन्न-भिन्न टीके उपयोग किया जाता है, ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद के काल से बच्चों को रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए स्वर्ण प्राशन संस्कार विधि की जाती है।
सुवर्ण प्राशन के लाभ –
बच्चों की रोक प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।
बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकास होता है।
बुद्धि और स्मरण शक्ति तेज होती है।
हायपरएक्टिव बच्चों को स्वर्ण प्राशन लाभ देता है।
पाचन क्रिया ठीक से होती है, भूख अच्छी लगती है।
वजन व लम्बाई समयानुसार बढ़ती है।
एलर्जी के कारण उत्पन्न कफ विकार जैसे बार-बार सर्दी, नजमा, बुखार, खांसी, दमा, बाल कफ और खुजली, टॉन्सिलाइटिस की समस्या दूर होती है।
1 साल का होने पर भी चलने में असमर्थ होने पर स्वर्ण प्राशन करने से लाभ प्राप्त होता है ।