
रायपुर, 08 अक्टूबर 2025।
राज्यभर की सहकारी समितियों को बचाने और कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर अब निर्णायक आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 12 अक्टूबर 2025 को रायपुर में प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में प्रदेश के लगभग 13,000 सहकारी समिति कर्मचारियों से जुड़े संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य राज्य की 2058 सहकारी समितियों और 2739 धान उपार्जन केंद्रों से जुड़ी ज्वलंत समस्याओं पर विचार-विमर्श कर आगामी रणनीति तय करना है।
‘सुखत राहत’ और तीन सूत्रीय मांगों पर होगा निर्णय
महासंघ ने बताया कि आगामी धान खरीदी वर्ष 2025–26 के लिए ‘सुखत राहत (धान-सुखत)’ के प्रावधानों तथा पिछले वर्षों की तीन सूत्रीय लंबित मांगों पर निर्णय लिया जाएगा।
भोलाराम यादव, जिला अध्यक्ष, सहकारी समिति कर्मचारी संघ मुंगेली ने कहा —
> “वर्ष 2023-24 और 2024-25 में धान उपार्जन के दौरान ‘सुखत’ के कारण आई आर्थिक क्षति की भरपाई अब तक शासन द्वारा नहीं की गई है। आंदोलन के बाद शासन ने लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक अमल नहीं हुआ।”
इस उपेक्षा के कारण राज्य की अनेक सहकारी समितियाँ वित्तीय संकट से जूझ रही हैं और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है।
33 जिलों के पदाधिकारी लेंगे हिस्सा
रायपुर में होने वाली इस बैठक में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के जिला अध्यक्ष, प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के प्रतिनिधि तथा अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे।
बैठक में शासन से संवाद, आगामी संयुक्त आंदोलन की रूपरेखा और आवश्यक निर्णय लिए जाने की संभावना है।



