
मानवता की मिसाल बने विद्यालय प्रबंधक शिव आशीष सोनकर, अस्पताल में रहे लगातार मौजूद
मुंगेली। जिले में बुधवार को घटी एक दर्दनाक घटना के बाद मानवीय संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की अनोखी मिसाल सामने आई है। एसएलएस एकेडमिक हायर सेकेंडरी स्कूल, पंडरिया रोड के प्रबंधन ने एक छात्रा की जान बचाने में अद्भुत तत्परता दिखाई और इलाज का पूरा खर्च स्वयं उठाकर इंसानियत का फर्ज निभाया।
घटना जिसने झकझोर दिया
जानकारी के अनुसार, कक्षा 10वीं की एक छात्रा ने अचानक स्कूल की दूसरी मंजिल से नीचे कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना से पूरे स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने तत्काल सूझबूझ का परिचय देते हुए घायल छात्रा को तुरंत जिला अस्पताल, मुंगेली पहुँचाया।
वहाँ प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर अपोलो हॉस्पिटल और फिर रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल रेफर किया।
सर्जरी सफल, अब खतरे से बाहर
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, छात्रा की जबड़े की सर्जरी सफल रही है और अब वह पूरी तरह खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत स्थिर है और वह धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
छात्रा के पिता धर्मेंद्र सिंह ने भावुक स्वर में कहा—
> “विद्यालय प्रबंधन ने न केवल मेरी बेटी को समय पर अस्पताल पहुँचाया, बल्कि इलाज की पूरी जिम्मेदारी भी ली। आज उसकी सर्जरी सफल हुई है, और पूरा खर्च स्कूल प्रबंधन वहन कर रहा है। यह हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी मदद है। हम विद्यालय संचालक शिव आशीष सोनकर और पूरी टीम के अत्यंत आभारी हैं।”
❤️ मानवता और जिम्मेदारी की मिसाल
विद्यालय के प्रबंधक शिव आशीष सोनकर स्वयं रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में छात्रा के इलाज के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने हर पल डॉक्टरों से स्थिति की जानकारी ली और छात्रा के परिवार को हर संभव सहयोग दिया।
उन्होंने कहा—
> “हमारे लिए छात्र सिर्फ विद्यार्थी नहीं, परिवार का हिस्सा हैं। इस कठिन समय में हमारा कर्तव्य था कि हम उसके साथ खड़े रहें। ईश्वर की कृपा से ऑपरेशन सफल रहा, और बच्ची जल्द स्वस्थ होकर अपने घर जाएगी — यही सबसे बड़ी खुशी है।”
समाज में बनी चर्चा का विषय
इस घटना ने न केवल मुंगेली बल्कि पूरे जिले में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, मानवीयता और जिम्मेदारी का भाव सिखाना ही सच्ची शिक्षा है।
लोग विद्यालय प्रबंधन की तत्परता और मानवीयता की सराहना कर रहे हैं।
एसएलएस एकेडमिक स्कूल द्वारा दिखाई गई यह संवेदनशीलता बताती है कि जब शिक्षा से इंसानियत जुड़ती है, तब समाज में उम्मीद और भरोसा दोनों जीवित रहते हैं।



