वीर बाल दिवस पर आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी में शामिल हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू…
27 दिसम्बर 2024
केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू भाजपा लोरमी के द्वारा आयोजित वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुए भाजपा कार्यालय में बौद्धिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह दिन हमारे इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय लेकर आया है।
हम सभी यहां वीर बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिवस हमें अपने देश के उन वीर बालकों की महान गाथाओं की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और अडिग निष्ठा से इतिहास में अमर स्थान बनाया। मैं यहां विशेष रूप से साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को स्मरण करना चाहता हूं। ये दोनों बालक, गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्र, जिनकी आयु मात्र 9 और 6 वर्ष थी, उन्होंने धर्म और आस्था की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह इतिहास में अनुपम और अद्वितीय है। हमें यह याद रखना चाहिए कि इन नन्हे साहिबजादों ने एक क्रूर और अन्यायपूर्ण सत्ता के सामने झुकने से इनकार कर दिया। उनकी दृढ़ता और साहस ने यह साबित कर दिया कि सच्चाई और धर्म की शक्ति के सामने कोई भी ताकत टिक नहीं सकती। उन्हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया, लेकिन उनका साहस अडिग रहा। यह बलिदान हमें सिखाता है कि जब हमारी संस्कृति, हमारी आस्था और हमारे मूल्यों पर संकट आए, तो हमें किसी भी कीमत पर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करना चाहिए। श्री साहू ने आगे कहा कि आज का दिन केवल इतिहास को याद करने का नहीं, बल्कि उससे प्रेरणा लेने का भी है। हमारे देश के लाखों बच्चे और युवा इन साहिबजादों की गाथाओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में साहस, ईमानदारी और निष्ठा के मूल्यों को आत्मसात कर सकते हैं। वीर बाल दिवस मनाने का अर्थ केवल अतीत को याद करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि हम अपने बच्चों और युवाओं को ऐसी शिक्षा और संस्कार दें, जिससे वे साहस और सच्चाई के मार्ग पर चल सकें। यह दिवस हमें अपने आने वाली पीढ़ियों को बताने का अवसर देता है कि भारत का इतिहास केवल राजा- महाराजाओं का नहीं, बल्कि उन बालकों का भी है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे मूल्यों की रक्षा की। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री साहू वीर बाल दिवस के अवसर पर लोरमी स्थित गुरूद्वारा पहुंचे जहां गुरुद्वारा में माथा टेका और देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की और शब्द कीर्तन का रसपान किया इस अवसर पर सम्पूर्ण सिख समाज मौजूद रहे.