भगवान श्रीराम का जन्म मर्यादा और नैतिकता की रक्षा के लिए हुआ — चिन्मयानंद बापूउपमुख्यमंत्री अरुण साव सपत्नीक कथा श्रवण कर लिया आशीर्वाद…

गुरुवार 6 नवम्बर 2025 – नगर के भव्य मानस मंच पर चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिवस में कथावाचक चिन्मयानंद बापू ने श्रीराम जन्मोत्सव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का अवतार जगत में मर्यादा, सत्य और नैतिकता की स्थापना के लिए हुआ था।
बापू ने बताया कि जब सभी उपाय निष्फल हो जाएं, तब सतगुरु की शरण ही जीवन का सच्चा मार्ग है — जैसे राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ की शरण लेकर श्रीराम के जन्म का आशीर्वाद पाया। उन्होंने कहा कि श्रीराम भक्त और भक्ति की मर्यादा के प्रतीक हैं, और अन्याय-अत्याचार का अंत सदैव दुखद होता है, इसलिए जीवन में नीति और सत्य का मार्ग अपनाना चाहिए।

बापू ने प्रेम और विश्वास पर भी कहा कि माता पार्वती श्रद्धा हैं और शिव विश्वास, जहां विश्वास नहीं होता, वहां दुख स्थायी होता है। विवाह के बाद चरित्र की मर्यादा बनाए रखना ही सच्ची भक्ति है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव अपनी धर्मपत्नी मीना साव के साथ कथा श्रवण करने पहुंचे। उन्होंने चिन्मयानंद बापू के चरणों में प्रणाम कर आशीर्वाद लिया और विश्व की सबसे बड़ी बेर से बनी श्रीराम रंगोली की प्रति भेंट की।

श्री साव ने कहा कि लोरमी का मानस मंच किसी तीर्थ से कम नहीं, यह मंच 40 वर्षों से भक्ति और धर्म परंपरा का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा, “यह मंच मैंने नहीं, लोरमी की जनता ने बनाया है। भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसते हैं।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और भक्ति रस में डूबे रहे।



