इस बार 10 दिनी नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा , लोरमी और मुंगेली में भक्ति का महा उत्सव

लोरमी/मुंगेली। शारदीय नवरात्रि का उल्लास इस बार पहले से भी अधिक भव्य होगा। मां दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं—जो समृद्धि, सौहार्द और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस अद्भुत संयोग के चलते पूरा लोरमी और मुंगेली भक्ति, सांस्कृतिक उत्सव और रंगीन रोशनी से जगमगाने को तैयार है।
22 सितंबर (रविवार) को महालया अमावस्या के साथ देवी जागरण होगा। इसके बाद प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी। आचार्य डॉ. सत्यनारायण तिवारी बताते हैं कि तिथि की विशेष स्थिति के कारण 24 और 25 सितंबर दोनों दिन तृतीया रहेगी, जिससे नवरात्रि 10 दिन की होगी—ऐसा संयोग 2006 और 2016 के बाद एक दशक में पहली बार बन रहा है।
लोरमी के प्रमुख पंडाल और मंदिरों की झलकियाँ
गांधीडीह रानीगांव माँ महामाया मंदिर – परंपरा, कांच की भव्य सजावट और भक्तिभाव का संगम।
पहाड़ो वाली माता रानी मंदिर, कंकालिन पारा – श्रद्धालुओं की कतारें और मनोहारी अलंकरण।
लोरमी थाना ग्राउंड दुर्गा पंडाल (माँ शेरावाली) – थीम आधारित झांकियां और गरबा नाइट्स का आकर्षण केंद्र।
रेस्ट हाउस चौक दुर्गा पंडाल – आधुनिक लाइटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की खास पहचान।
मुंगेली और आसपास के गाँवों के भक्त भी इन स्थलों पर दर्शन के लिए पहुंचेंगे। शहर के बाजार पूजा-सामग्री, भोग और सजावट से सजने लगे हैं।
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मुख्य तिथियां
22 सितंबर – घटस्थापना एवं नवरात्रि आरंभ
1 अक्टूबर – महानवमी
2 अक्टूबर – विजयादशमी (दशहरा)
✨ सांस्कृतिक रंग और सुरक्षा तैयारियां
पंडाल आयोजक पारंपरिक कला और आधुनिक रोशनी के मेल से अनूठी सजावट करने में जुटे हैं। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के भक्ति का आनंद ले सकें।
पंडितों का कहना है कि नवरात्रि की तिथि बढ़ना अत्यंत शुभ है, जिससे क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का संचार होता है। मां दुर्गा का हाथी पर आगमन इस बार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक समृद्धि और सामूहिक उत्सव का संदेश भी देगा।
लोरमी और मुंगेली के लोग इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए उत्साह और श्रद्धा से भर चुके हैं—देवी के स्वागत में हर गली, हर चौक और हर मंदिर तैयार है।



