मानियारी टाईम्स न्यूज़ 24 की खबर का एक बार फिर बड़ा असर पेंगोलिन के खाल बरामत होने के बाद (ATR) पर अब प्रबंधन ने जारी किया टोल फ्री नंबर…

मानियारी टाईम्स न्यूज़ 24
अब नही जाएगी बेजुबान वन्यप्राणी की जान,, नही कटेंगे वन्य संपदा,, नही हॉगा अब जंगल मे बेजुबानों का शिकार… क्योंकि अब वन विभाग हैं तैयार।
29 अप्रैल मुंगेली/रायपुर- राहुल यादव –
मानियारी टाईम्स की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर देखने को मिल रहा है ज्ञात हो मानियारी टाईम्स न्यूज़ 24 ने अभी हाले में वन्यप्राणिय जो कि एक विलुप्त प्रजाति हैं पेंगोलिन की खाल और चीते के दांत की तस्करी करने वाले मामले को लेकर खबर आप सभी दर्शकों दिखाया था जिसको संज्ञान में लेते हुए वन विभाग ने जंगली जानवरों व जंगल मे हो रहे अवैध कार्यो पर अंकुश लगाने के लिए प्रबंधन ने अच्छी पहल निकलकर सामने लाई है अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु जारी किया गया टोल फ्री नम्बर”
1800-233-0589- Toll free number
अचानकमार टाइगर रिज़र्व प्रबंधन के द्वारा टोल फ्री नंबर जारी किया गया हैं। Toll free number 1800-233-0589 पर आप कॉल करके एटीआर या उसके आसपास हो रही अवैध प्रतिबंधित वानिकी गतिविधियों की सूचना टोल फ्री नंबर से दे सकते है। इस टोल फ्री नंबर के माध्यम से आप अवैध शिकार, अवैध तस्करी, वन में अग्नि, वन्यप्राणी द्वारा जनहानि, जनघायल, हाथियों की उपस्थिति में होने वाले घटनाओं एवं वन्यप्राणी से सम्बंधित सभी सूचनाओं को उक्त टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सूचित कर सकते है। कॉल करने पर उक्त सूचना रजिस्टर्ड होगी और संबंधित वन क्षेत्र के अधिकारियों को तत्काल सूचना दी जाएगी, ताकि उस पर त्वरित नियंत्रण स्थापित हो सके। हम सब जानते है कि किसी भी प्रकार की घटना, घटित होने के पूर्व एवम पश्चात, दोनो ही स्थिति में सूचना सबसे महत्वपूर्ण बिंदु होती है। जहा त्वरित सूचना से तत्काल कोई घटना घटित होने के पूर्व उस पर समग्र नियंत्रण स्थापित हो पाएगा, वही घटना पश्चात कार्यवाही जांच में आरोपियों पर तेजी से नकेल कसी जा सकेगी। इस विषय पर जानकारी देते हुए डिप्टी डायरेक्टर एटीआर यू आर गणेश ने सभी अधिकारी कर्मचारी को आदेश दिया हैं की वो अधिक से अधिक इस टोल फ्री नम्बर का उपयोग करे एवम जानकारी एटीआर प्रबंधन को त्वरित उपलब्ध कराये ताकि समय रहते उस पर कार्यवाही सुनिश्चित हो सके ,साथ ही वनों एवम वन्यजीवो की सुरक्षा के साथ संरक्षण पर आम जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।