रामचरित मानस संपत्ति के लिए नहीं, विपत्तियों के बंटवारा करने का प्रेरणा देता है: संजय सिंह राजपूत।
लोरमी 26 अक्टूबर 2024
लोरमी क्षेत्र का प्राचीन समय से सारधा में रामचरितमानस नवधा परायण का आयोजन होता रहा है।इस आयोजन में टीकाकार के रूप में संजय सिंह राजपूत ने कहा कि रामचरितमानस के ग्रंथ का अध्ययन हमें सतत करते रहना चाहिए।साथ ही साथ सामूहिक रूप से प्रति मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ कर एकत्रीकरण होना होगा। श्री रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी कभी भी संपत्ति के लिए आपस में ना लड़कर विपत्तियों को एक दूसरे से बांटने का प्रयास किये । माता सीता ने दुःख घड़ी में भी अपने पति का साथ नहीं छोड़ा और कंटक मार्ग को अपनाकर विपरीत परिस्थिति में भी अपने पति परमेश्वर का सेवा करते रहें। संसार में सेवा करने वाले का ज्यादा महत्व होता है भगवान श्री रामचंद्र जी ने हनुमान जी को इसीलिए बहुत आशीर्वाद दिया।अतः धर्म का सेवा करने वाले सदैव पूजनीय रहते हैं। इस अवसर पर रोशन सिंह,धर्मजीत सिंह, विनोद सिंह, थानसिंह,दीनबंधु आदि संकीर्तन में साथ रहे।